विषय -परिवार
विषय -परिवार
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प्रेम धागा में पिरोया मोतियों का हार है।
प्यार और स्नेह का नाम परिवार है ।
रिश्ते नाते से जुड़ा एकता का सूत्रधार है,
पति पत्नी और बच्चों का यह संसार हैं।
माँ की अथाह ममता और शिष्टाचार है,
पिता का अनुशासन और संस्कार हैं।
भाई बहन का नोक झोंक और दुलार हैं,
प्यार और स्नेह का नाम परिवार है ।
छोटे बड़े को मिलता बराबर प्यार है।
संगी साथी को समानता का अधिकार है।
त्याग विश्वास और समर्पण का आधार है।
ईट पत्थर का नहीं प्रेम पुष्प का दीवार हैं।
सुरक्षा कवच से गुँथा खुशियाँ अपार हैं।
प्यार और स्नेह का नाम परिवार है ।
आसमान छुने का सपना यहाँ सकार है,
दुखों में मिलता अपनापन और आधार है।
परिवार ही स्वतः ब्रह्माण्ड का आकार है
असीम शक्ति( माँ-बाप)इस सृष्टि का रचनाकार है।
प्रेम धागा में पिरोया मोतियों का हार है।
प्यार और स्नेह का नाम परिवार है।