Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

विषय-जिंदगी।

विषय-जिंदगी।

अ मेरी जिंदगी,मेरी जिंदगी में आकर;जिंदगी सीखा गए।
गमों के अँधेरे बादलों में, जैसे चाँद दिखा गए।

मेरी जिंदगी बनकर,मेरी जिंदगी से न जाना।
अ मेरी जिंदगी न कभी, मुझसे रूठ जाना।

मेरी जिंदगी हो तुम,मेरी आस हो।
मेरी हर पहली और आखरी प्यास हो।

तुम से हर सपने का आगाज है,अंजाम है।
अ जिंदगी तुम से ही, शुरू हर सुबह और खत्म हर शाम है।

थी ख़ुद से ही नाराज मैं, एक तड़प थी जिंदगी।
तुम ने तो सीखा दी ,
खुद की भी बंदगी।

सोचने लगी मैं अब,
हर जिंदगी कि खुशी।
न रही जिंदगी अब ख़ुदकुशी…।
हासिल जिंदगी की अब, है मुझे हर खुशी।

मेरी जिंदगी की ऐसी जरूरत हो तुम…।
रूठने पर भी मनी हुई मूरत हो तुम।

भूले तुम भी,”मैं”
की जिंदगी।
भूली मैं भी ,
“मैं” की जिंदगी.
प्यार की धड़कन बनी जिंदगी।
जिंदगी अब बनी बन्दगी।
जीने लगे अब हम “हम” की जिंदगी.
पहले थी जिंदगी सिर्फ सांसे…,
अब जिंदगी बनी “जिंदगी़”।

प्रियाप्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78

1 Like · 50 Views

You may also like these posts

"जुदाई"
Priya princess panwar
"सुख पहेली है, दुख पहेली है ll
पूर्वार्थ
चल मनवा चलें.....!!
चल मनवा चलें.....!!
Kanchan Khanna
मित्रता
मित्रता
Dr.sima
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
Ravi Betulwala
बहुत झुका हूँ मैं
बहुत झुका हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
आवश्यक मतदान है
आवश्यक मतदान है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
लीलाधर की लीलाए -
लीलाधर की लीलाए -
bharat gehlot
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
DrLakshman Jha Parimal
एक मौन
एक मौन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
ओनिका सेतिया 'अनु '
यूँ ही नही लुभाता,
यूँ ही नही लुभाता,
हिमांशु Kulshrestha
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
*सुकृति (बाल कविता)*
*सुकृति (बाल कविता)*
Ravi Prakash
विचित्र ख्याल
विचित्र ख्याल
RAMESH Kumar
"छन्द और मात्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
Dr Archana Gupta
माँ
माँ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
उलझाया रखा है तन्हाइयों ने इश्क़-ए-सफ़र में,
उलझाया रखा है तन्हाइयों ने इश्क़-ए-सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुभ सवेरा
शुभ सवेरा
C S Santoshi
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
Sanjay ' शून्य'
बेखबर हम और नादान तुम
बेखबर हम और नादान तुम
कवि अनिल कुमार पँचोली
दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं
दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं
Atul "Krishn"
सतगुरु
सतगुरु
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
Loading...