Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

विषय-अर्ध भगीरथ।

विषय-अर्ध भगीरथ।
विद्या-काव्य(कविता)
रचनाकार-प्रिया प्रिंसेस पवाँर

महान भगीरथ हुए, प्राचीन काल में।
पूर्वजों के पाप मिटाए,उस काल में।

पूर्वजों के पाप की सारी, बुराइयाँ सुधार दी।
पाप धोकर उनके,धरती पर गंगा उतार दी।

गंगा लाए धरा पर; भगीरथ बहुत पवित्र,महान थे।
किया मनुष्य जीवन सार्थक,सार्थकता की पहचान थे।

अधर्मी मनुष्यों के घर, मैंने जन्म लिया।
मैंने भी;अपनो के पाप मिटाने का,करम लिया।

लेकिन वो था पुण्य युग,फिर भी उसमें कुछ अशुद्ध था।
अब तो पहले ही पाप युग,फिर मिलेगा कैसे कुछ शुद्ध?

महान भगीरथ वीर थे;धीर थे,सह गए सब पीर थे।
मैं भी बनी दुःख-भोगी सम्पूर्ण जीवन,सूखे न मेरे नीर थे।

महान भगीरथ ने पूर्वजों को भी सन्त कर दिया।
होने वाले कुअन्त को सुअन्त कर दिया।

भगीरथ थे सुदृढ़ मनुष्य महान।
और प्रिया है कोमल इंसान।

जितनी थी समर्थता,मैंने उतना कार्यवास लिया।
सम्पूर्ण जीवन बनाकर मरण,भागीरथी प्रयास किया।

पर अब न कोई शक्ति ,मुझे ह्रदय से प्राप्त होती है।
बस अब मेरी सहनशक्ति की सीमा,समाप्त होती है।

जितनी जीवन आयु बिताई।
उतना भागीरथी-रूप धरती आई।

पर अब न और ये रूप धर पाऊंगी।
चाहे भले ही न कहलाऊं; सम्पूर्ण भगीरथ…
पर,अर्ध भगीरथ तो कहलाऊंगी।

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78
सर्वाधिकार सुरक्षित

3 Likes · 45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
डूबे किश्ती तो
डूबे किश्ती तो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी और रेलगाड़ी
जिंदगी और रेलगाड़ी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#दीनदयाल_जयंती
#दीनदयाल_जयंती
*प्रणय प्रभात*
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
Bidyadhar Mantry
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
Sanjay ' शून्य'
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
Ram Krishan Rastogi
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
अयोग्य व्यक्ति द्वारा शासन
अयोग्य व्यक्ति द्वारा शासन
Paras Nath Jha
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
Rekha khichi
अछूत....
अछूत....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विकास का ढिंढोरा पीटने वाले ,
विकास का ढिंढोरा पीटने वाले ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
विदेश मे पैसा कमा कर पंजाब और केरल पहले नंबर पर विराजमान हैं
विदेश मे पैसा कमा कर पंजाब और केरल पहले नंबर पर विराजमान हैं
शेखर सिंह
हम गांव वाले है जनाब...
हम गांव वाले है जनाब...
AMRESH KUMAR VERMA
आक्रोश तेरे प्रेम का
आक्रोश तेरे प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
Dr Manju Saini
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
बिखरा ख़ज़ाना
बिखरा ख़ज़ाना
Amrita Shukla
दिल नहीं ऐतबार
दिल नहीं ऐतबार
Dr fauzia Naseem shad
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
"लू"
Dr. Kishan tandon kranti
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
Loading...