विषय-अच्छी आदत।
विषय-अच्छी आदत।
शीर्षक-प्रथम स्वयं सीख लो।
विद्या-कविता
अच्छी आदत वो है,जो सभी को फायदा दे।
जीवन में दे सुख,जीने का सही कायदा दे।
अच्छी आदत,प्रथम स्वयं सीख लो।
फिर दूसरों को सीख दो।
न किसी निर्दोष का दिल दुखाना चाहिए।
किसी की करने सहायता ,आगे आना चाहिए।
बेईमानी का धन,टिकता नहीं है।
ईमानदार इंसान कभी,बिकता नहीं है।
झूठ बोलना है गलत,बहुत बुरी आदत है।
पोल खुलने पर होता अपमान,आती आफत है।
न सच जैसी कोई सही राह,सच में ही मिलती राहत है।
संस्कार हमारे बहुत महान, संस्कार अपनाकर तो देखो।
बनो संस्कारी,संस्कार सही से पाकर तो देखो।
जीवन;कर्म पथ है, कर्म करो।
मेहनत करने में न कभी,शर्म करो।
अच्छी आदत अपनाने से,जीवन सार्थक होता है।
अच्छी आदत में होता बस पाना,न इसमें मनुष्य कुछ खोता है।
जैसे होती कुछ;नित्य की अच्छी आदतें,वैसे ही सत्य गुणों को भी आदत मान लो।
त्याग बुरी आदतें,अच्छी आदतों की अहमियत जान लो।
पर निंदा को छोड़ दो,चुगली अच्छी बात नहीं।
जीवन प्रेम की सुबह है, घृणा की काली रात नहीं।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78
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