विश्व स्वास्थ्य दिवस पर….
उठ जाग अब भोर हुई, कर ले बेटा योग।
तन-मन दोनों स्वस्थ हों, छुए न कोई रोग।।
सुस्ती औ आलस्य से, लगते कितने रोग।
खाली बिस्तर खूँदते, लगें न तन को भोग।।
स्वास्थ्य दिवस पर आज तुम, लो यह मन में मान।
योग बिना हर भोग है, खुद से बैर समान।।
रोज सुबह वर्जिश करो, पीछे बाकी काम।
विकार मन के सब हरे, तन को दे आराम।।
आलस तंद्रा तज मना, कर ले रे उद्योग।
घेरेंगे वरना तुझे, आकर अनगिन रोग।।
– © सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी, मुरादाबाद