विश्व जल दिवस।
जल की कीमत कर भडुयां, वैसे ही नीर बहाता है।
एक दिन ऐसा आयेगा, बूंद बूंद ना पायेगा।
आगे आने वाली पीढ़ी को ,प्यासा ही , छोड़ जायेगा
जल के लिए कोई कानून नहीं है।
खर्च का कोई हिसाब नहीं है।
फ्री जैसा है जल इसलिए कीमत नही कराता है।
जल के बिना जीवन नही , फिर भी फालतू बहाता है।
यह विधी का विधान है कि पाई , पाईं चुकाना।
जितना चाहे बहाले ,ब्याज सहित लौटाना है।