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5 Jun 2022 · 1 min read

विश्वेश्वर महादेव

शठ करके शठता चलें, जैसे कोई भूल।
महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल।
सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला।
छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला।
कहें प्रेम कवि राय,मसीत दिखे क्या ?शिव मठ।
शिवा सनातन सत्य, दुष्टता अब ना कर शठ।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

3 Likes · 2 Comments · 717 Views
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