विश्वास
विश्वास उतना ही किजिए,
कर ना सके कोई घात ।
मतलब की दुनिया है भाई,
बगल में आस्तीन के सांप ।।
बगल में आस्तीन के सांप,
भइया रहिए जरा बचके ।
जहां ज्यादा करत विश्वास,
अक्सर वहीं होवे घात ।।
जहां होवे घात,
वहां फिर कभी न होत विश्वास ।
एक वार ये टूट गया,
फिर मन में पड़ जावे गांठ ।।
पड़ जावें गांठ ,
जीवन में न बचें मिठास ।
कर्म ऐसे कीजिए,
न टूट पाय विश्वास ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)