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15 Jun 2021 · 1 min read

विश्वासघात

मेरी अर्थी सजाने को कोई तैयार बैठा है
बताऊं क्या जमाने को कि मेरा यार बैठा है
प्रतीक्षा है उसे केवल हमारे दम निकलने की
हमारे जिस्म में खंजर वो कब का मार बैठा है।
शक्ति त्रिपाठी देव

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 401 Views
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