विश्वासघात
मेरी अर्थी सजाने को कोई तैयार बैठा है
बताऊं क्या जमाने को कि मेरा यार बैठा है
प्रतीक्षा है उसे केवल हमारे दम निकलने की
हमारे जिस्म में खंजर वो कब का मार बैठा है।
शक्ति त्रिपाठी देव
मेरी अर्थी सजाने को कोई तैयार बैठा है
बताऊं क्या जमाने को कि मेरा यार बैठा है
प्रतीक्षा है उसे केवल हमारे दम निकलने की
हमारे जिस्म में खंजर वो कब का मार बैठा है।
शक्ति त्रिपाठी देव