Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2024 · 3 min read

विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*

विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*

1: हर बारात में सात आठ महिलाऐं और कन्याएं खुले बाल रखती हैं, जिन्हें वे गर्दन टेढ़ी करके कभी आगे तो कभी पीछे करने का प्रयास करती हैं..

दरअसल उन्हें पता ही नहीं होता कितने प्नतिशत बाल आगे और कितने प्रतिशत पीछे रखने हैं…?

2 : जो लंहगा उठाकर इधर उधर चल रही हो और बगैर काम के भी जो भयंकर व्यस्त दिखे, समझ लें कि वो दूल्हे की बहन है…

3 : सजने – धजने और पहनावे में दूल्हे के बाद दूसरे नंबर पर जो प्रफुल्लित व्यक्ति दिखे समझ जाएं कि वो दूल्हे का छोटा भाई है…और जो अंट शंट सजने के बाद भी थोड़ा – थोड़ा गंभीर (रिजर्व) दिखे समझ लें कि वो दूल्हे का जीजा है…

4 : बातचीत करते समय जिसकी नजर बार – बार भोजन स्टॉल की तरफ़ नही जा रही हो तो समझ लें कि वो दूल्हे या दुल्हन के परिवार का कोई घनिष्ठ सदस्य है..

5 : “ये देश है वीर जवानों का”

इस गीत पर वही लोग नाचते हैं, जिन्हें नाचना नहीं आता या जिनसे जबरन नाचने की मनुहार की जाती है… अधिकांश नर्तक 45 की उमर के उपर होते हैं…

6 : सभी महिलाओं के स्टेप समान होते हैं बस देखने वालों को अलग अलग लगता है…💃

7 : महिलाओं को शादियों में ‘सर्दीप्रूफ’ होने का वरदान है…

सन्दर्भ : बगैर स्वेटर/शॉल

8 : पटाखों की सबसे बड़ी लड़ी,लड़की के घर के बाहर ही फोड़ी जाती है…

9 : स्टेज पर भले ही हनी सिंह प्रेमी हो पर बारात गन्तव्य तक पहुँचने पर गाना मोहम्मद रफी ही गाएगा…

‘बहारों फूल बरसाओ मेरा मेहबूब आया है…’

12 : दूल्हा दूल्हन भले कैसा भी डांस करे, लेकिन सबसे ज्यादा तालियां उन्हीं को मिलती हैं… फोटोग्राफर भी उन्हीं पर फोकस अधिक करता है; क्योंकि उसे पता है पेमेंट इधर से ही आएगा…

13 : तन्दूर के पास हर पच्चीस लोगों में एक ऐसा होता है जो सूखी रोटी (बिना-घी ) वाली की डिमांड करता है हालांकि उसकी प्लेट में

गुलाबजामुन

छोले

फ्रूट क्रीम

पनीर बटर मसाला

मूंग दाल का हलवा आदि पहले से ठूंसा हुआ होता है..वास्तव में वो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक (health conscious) नहीं बल्कि वो अपनी कुशाग्र बुद्धि(talent) का उपयोग कर अपने से पहले खड़े लोगों से पहले रोटी लेना चाहता है…

14 : 10 रुपए के गोलगप्पे खाकर दो बार सूखी पापड़ी की नीयत रखने वाले भी शादी में गोलगप्पे के स्टॉल पर एक गोलगप्पा ही खाते हैं वो भी इसलिए कहीं अगले दिन कोई ये ना कह दे कि “सबसे अच्छे तो गोलगप्पे बने थे”

15 : जो लोग खुद के घर मेहमान आने पर चाय ☕तक का नहीं पूछते वो दूसरों के यहां शादी में अन्य लोगों को आग्रह से मिठाई 🧀 जरूर खिलाते हैं…

16 : शादी में लाखों रुपए खर्च हों या करोड़ों… लेकिन शादी वाले घर के लोग बची हुई बेसन की चक्की और मिठाइयों को सहेजकर ताले 🔐में पहुंचाने में ही सर्वाधिक ऊर्जा खर्च करते हैं…

17 : कोई कितनी भी मनुहार करके शादियों में खिलाए लेकिन वास्तविक आनंद शादी में बचने के बाद , घर भेजी हुई सब्जी को गरम करके खाने और मिठाई खाने में अधिक आता है…

18 : रिसेप्शन में पेटभर खाना दबाने के बाद जो लोग पान नही खाते वे भी जाते जाते भीड़ में घुसकर पान खा ही लेते हैं ऐसा नहीं करने पर उन्हें कुछ अधूरापन महसूस होता है…भीड़ में डबल पान की जुगाड़ वाले भी होते हैं तो कुछ पेपर नेपकिन में पान का पार्सल बनाने वाले कलाकार भी…

19 : रिसेप्शन के अंत में दूल्हे – दुल्हन के साथ भोजन करने वाले अधिकांश रिश्तेदार पहले से ही भोजन किए हुए होते हैं…😌

20 : जो भी खास मेहमान बहुत मनुहार करने पर भी “भोजन देर से करूंगा” कहे समझ लें कि उसे विशेष पार्टी 🍻 का भी न्योता है..

1 Like · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
Dr Manju Saini
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
// पिता एक महान नायक //
// पिता एक महान नायक //
Surya Barman
" दिल "
Dr. Kishan tandon kranti
रात  जागती  है रात  भर।
रात जागती है रात भर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
एक महिला से तीन तरह के संबंध रखे जाते है - रिश्तेदार, खुद के
Rj Anand Prajapati
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
*कविवर श्री राम किशोर वर्मा (कुंडलिया)*
*कविवर श्री राम किशोर वर्मा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
समरसता की दृष्टि रखिए
समरसता की दृष्टि रखिए
Dinesh Kumar Gangwar
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बोल के लब आजाद है
बोल के लब आजाद है
Desert fellow Rakesh
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
मॉं जय जयकार तुम्हारी
मॉं जय जयकार तुम्हारी
श्रीकृष्ण शुक्ल
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
सब बन्दे हैं राम के
सब बन्दे हैं राम के
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
Rekha khichi
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
..
..
*प्रणय प्रभात*
Loading...