विरोधाभास और धरातल
विरोधाभास एक तुलनात्मक परिणाम है.
पहली बार सुनकर / देखकर हैरान हूं
देशहित राष्ट्रवाद के साथ मंहगाई स्वरूप तोफे मिलते है.
ये हमारे देश के नागरिकों को क्या हो गया,
एक आदमी कुछ भी कहे जा रहा है,
और हम बिन आकलन उस पर भरोसे किये जा रहे हैं,
सद्बुद्धि किसे मिले.
जो तार्किक हो.
इसका कोई नश्तर ( वैक्सीन/टीका ) नहीं बना.
देश में एक दोगले प्रभावशाली व्यक्तित्व के अलावा कोई तथाकथित चेहरा नहीं है,
इसलिये हम व्यवस्था को यूं ही चरमराने के लिए छोड दे.
जो चूल्हे यानि आमदनी के मुताबिक प्रबंधन न कर सके.
वह अकर्मठ चरित्र नहीं चाहिए.