विरासत
विरासत
लूट खसोटी और गुलामी ,अब- जब मिली विरासत में।
खूनखराबा व बंटवारा ,तब- तब मिला सियासत में।
भ्रष्टाचारी नीति बनाकर, जाँति- पाँति में बाँट दिया।
राजनीति में चाटुकार को,प्रश्रय देकर छाँट लिया।
राजनीति में भाईचारा,जब- जब मिला शरारत से।
खूनखराबा व बंटवारा, तब- तब मिला
सियासत में।
लूट खसोटी और गुलामी,अब -जब मिली विरासत में।
संस्कारों से कूट रचा कर,वर्ग भेद में बाँट दिया।
जग प्रसिद्ध संस्कृत भाषा को, कूट नीति से पाट दिया।
पौराणिक विज्ञान का डंका, बजता रहा हिरासत में।
खूनखराबा व बंटवारा, तब -तब मिला सियासत में।
लूट खसोटी और गुलामी, अब- जब मिली विरासत में।
वैदिक युग पावन धरती को,मजहब पर जब बाँट दिया।
हिंदी भाषा से कूट रचा, अंग्रेजी से पाट दिया।
गंगा यमुनी युग की सरिता, बहती रही हिफाजत से।
खूनखराबा व बंटवारा, तब-तब मिला सियासत में।
लूट खसोटी और गुलामी, अब- जब मिली विरासत में।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम