Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2021 · 1 min read

विरह गीत

1222 1222 1222 1222
गये तुम छोंड़कर तनहा जुदाई सह नही सकता।
बिना तेरे हमारा दिल कहीं भी रह नही सकता।

तुम्हारी बेरुख़ी को जो समझ पहले कभी जाते।
न यूँ बेचैन होते हम न आँसू आँख में आते।
बड़ा मजबूर दिल है कुछ किसी से कह नही सकता।
बिना तेरे हमारा दिल कहीं भी रह नही सकता।

लगाकर तोहमतें झूठी किया रूसबा ज़माने में।
मिले हैं दर्द कितने ही तुम्हारा प्यार पाने में।
मगर गम अश्क़ आँखों से हमारी बह नही सकता।
बिना तेरे हमारा दिल कहीं भी रह नही सकता।

मौलिक एवं स्वरचित
अभिनव मिश्र अदम्य
शाहजहाँपुर, उ.प्र.

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Comments · 930 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमारी दीवाली दो पैसों वाली
हमारी दीवाली दो पैसों वाली
Meera Thakur
"खून का क्या है"
Dr. Kishan tandon kranti
■जे&के■
■जे&के■
*प्रणय*
अर्थ शब्दों के. (कविता)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संस्कार और शिक्षा
संस्कार और शिक्षा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भगवान की पूजा करने से
भगवान की पूजा करने से
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रावण का आग्रह
रावण का आग्रह
Sudhir srivastava
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
Monika Arora
वेश्यावृति की तरफ जाती युवा पीढ़ी
वेश्यावृति की तरफ जाती युवा पीढ़ी
अलका बलूनी पंत
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
Er.Navaneet R Shandily
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
विकल्प
विकल्प
Shashi Mahajan
*आओ खेलें खेल को, खेल-भावना संग (कुंडलिया)*
*आओ खेलें खेल को, खेल-भावना संग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
4610.*पूर्णिका*
4610.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
फूल है और मेरा चेहरा है
फूल है और मेरा चेहरा है
Dr fauzia Naseem shad
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
Guru Mishra
We want justice ♎⚖️
We want justice ♎⚖️
Prachi Verma
मजदूर
मजदूर
Shweta Soni
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
DrLakshman Jha Parimal
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
बगिया
बगिया
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...