विरहा के रतिया
एक रितु बीतल
दोसर रितु बीतल
तबो ना बदलल
भगिया हो राम!
एक घाट जोहनी
दोसर घाट जोहनी
कहीं ना मिलले
सांवरिया हो राम!
एक कर फेरनी
दोसर कर फेरनी
केनहू ना आईल
नींदिया हो राम!
एक देव पूजनी
दोसर देव पूजनी
केहू ना सुनल
अरजिया हो राम!
एक बैद गईनी
दोसर बैद गईनी
तनको ना घटल
दरदिया हो राम!
Shekhar Chandra Mitra