विनोद सिल्ला की कुंडलियां
कुंडलियां
सूटकेश नोटों भरे
सूटकेश नोटों भरे , ले ले मेरे वीर|
देके अपना समरथन, हर ले मेरी पीर||
हर ले मेरी पीर, मैं पा जाऊंगा सत्ता|
मैं छापूंगा नोट , जनादेश होगा धत्ता||
कह सिल्ला कविराय, पहना है खादी वेश|
इसलिए ही आते हैं, नोटों भरे सूटकेश||
-विनोद सिल्ला©