विनाशकारी है अहंकार
यश, प्रतिष्ठा, कीर्ति, बुद्धि-विवेक, ज्ञान का विनाश करने के लिए सिर्फ अहंकार ही काफी है। अहंकारी विद्वान से संस्कारी अनपढ़ बेहतर है।
यश, प्रतिष्ठा, कीर्ति, बुद्धि-विवेक, ज्ञान का विनाश करने के लिए सिर्फ अहंकार ही काफी है। अहंकारी विद्वान से संस्कारी अनपढ़ बेहतर है।