Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2024 · 1 min read

प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।

#विधा:- गीत
#दिनांक :- २८/०२/२०२४
______________________________________________
नभ में घोर बदरिया छाई, देख धूर्त लेते अँगड़ाई।
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।।

मान जिन्हें परमेश्वर पूजा,
लगे वहीं अब दूजा- दूजा।
अंध वासना का बन बैठा,
हर नारी लगती है चूजा।
बाज़ारू निष्ठा बन बैठी,
मोल लगा है आना पाई।

प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।।

चलो देख अब दायें बायें,
ऊपर नीचे बहुत जरूरी।
घात लगाए धूर्त भेड़िए,
साध करेंगे वर्ना पूरी।
देख भालकर पग धरना है,
अग्र कूप है पीछे खाई।

प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।।

समय नहीं यह राम सिया का,
कृष्ण राधिका नाम बचा है।
भ्रष्ट कुकर्मी भरे पड़े हैं,
नाम मात्र को धाम बचा है।
आज कटघरे खड़ी सुरसुरी,
जल सूखा, है कीचड़- काई।

प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 171 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब सच सामने आता है
जब सच सामने आता है
Ghanshyam Poddar
*Colours of Fall*
*Colours of Fall*
Veneeta Narula
இந்த உலகில்
இந்த உலகில்
Otteri Selvakumar
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
जिसकी विरासत हिरासत में है,
जिसकी विरासत हिरासत में है,
Sanjay ' शून्य'
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ए सी का किरदार
ए सी का किरदार
RAMESH SHARMA
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
इन सर्द रास्तों पर
इन सर्द रास्तों पर
हिमांशु Kulshrestha
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*आदित्य एल-1मिशन*
*आदित्य एल-1मिशन*
Dr. Priya Gupta
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
Ravikesh Jha
"नतीजा"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी के सफ़हात   ...
ज़िंदगी के सफ़हात ...
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
नीरस जीवन
नीरस जीवन
Rambali Mishra
Way of the Water
Way of the Water
Meenakshi Madhur
*बसंत*
*बसंत*
Shashank Mishra
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अंसार एटवी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विवाह की रस्में
विवाह की रस्में
Savitri Dhayal
*अध्याय 9*
*अध्याय 9*
Ravi Prakash
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...