विधा -काव्य (हाइकु)
विधा -काव्य (हाइकु)
दिनांक -17.08.2024
वतन पर
मिटने वाले वीर
गुमनाम भी
कितने ऐसे
जिनकी याद नहीं
गुमान नहीं
आजादी -पर्व
मनाओ खूब भाई
याद आती है
बहुत ज्यादा
उन गुमनामों की
मिट गए जो
वतन पर
अपनी जां लुटा दी
उन्हें नमन
कोटि नमन
सभी वीर शहीदों
तुम्हें नमन
मौलिक रचना
पूनम दीक्षित
कृष्णा विहार
ज्वाला नगर
रामपुर उत्तर प्रदेश