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20 Aug 2024 · 1 min read

विधा -काव्य (हाइकु)

विधा -काव्य (हाइकु)
दिनांक -17.08.2024

वतन पर
मिटने वाले वीर
गुमनाम भी

कितने ऐसे
जिनकी याद नहीं
गुमान नहीं

आजादी -पर्व
मनाओ खूब भाई
याद आती है

बहुत ज्यादा
उन गुमनामों की
मिट गए जो

वतन पर
अपनी जां लुटा दी
उन्हें नमन

कोटि नमन
सभी वीर शहीदों
तुम्हें नमन

मौलिक रचना
पूनम दीक्षित
कृष्णा विहार
ज्वाला नगर
रामपुर उत्तर प्रदेश

1 Like · 45 Views

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