विधाता
दोहे
सृजन शब्द-विधाता
विधाता
डरो विधाता से सदा,रखो
बुराई त्याग ।
ईश कहानी को लिखें, वही
चलाते भाग ।।
लेख विधाता ने लिखे, उसे
मिटाये कौन ।
वही बनाएं काज को, देख
तमाशा मौन ।।
हाथ विधाता डोर है, अभी
बुलाये खींच ।
ह्रदय बनाना साफ है, नेक
कमाई सींच ।।
दिया विधाता ने बहुत, सबर
हमेशा मीत ।
कभी हराये मान वो, कभी
कराए जीत ।।
सीमा शर्मा