विद्रू्पताएँँ
1
संस्कार होंगे
राम राज्य के स्वप्न
साकार होंगे
2
बेच ज़़मीर
बनता है तब ही
कोई अमीर
3
भ्रष्टाचार तो
कैंसर है, देश जो
है लाचार तो
4
भ्रूण हनन
नारी उत्पीड़न व
माँँ का क्रंदन
5
क्या नाजायज
सत्ता, युद्ध, प्रेम में
सब जायज
6
स्वतंत्र हुए
बगल के नासूर
हैं पाले हुए
7
है नारी वो क्या
न सिर पे पल्लू न
आँँखों में हया
8
आतंकवाद
देश की संंप्रभुता
पर आघात
9
वृक्षारोपण
से ही परिरक्षित
पर्यावरण
10
आरक्षण भी
अल्पसंख्यकों जैसी
राजनीति ही