Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2017 · 6 min read

विद्यार्थी परीक्षाओं से डरें नही बल्कि डटकर मुकाबला करें

प्रिय विद्यार्थीयों जैसा की आप लोग जानते है की कुछ ही दिनों में बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही है ऐसे में आप लोगों के परीक्षा संबंधी तनाव और परेशानियों को दूर करने के लिए मै कुछ नये सकारात्मक सूत्र आपको देना चाहता हूँ, क्योकि अपने इतने वर्षों के शिक्षण काल में मैंने अनुभव किया है की छात्र अथवा छात्रा वर्ष भर कढ़ी मेहनत करते है और अच्छे परिणाम प्राप्त करते है . लेकिन जैसे ही उनकी वार्षिक परीक्षाएं आने को होती है वो घबराहट और तनाव में आ जाते है. जिसके कारण वो विद्यार्थी जो वर्ष भर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. उनका वार्षिक परीक्षाओं में अध्ययन का स्तर गिरने लगता है अपनी योग्यतानुकुल परिणाम न प्राप्त कर पाने के कारण वो स्वयं को ठगा सा अनुभव करते है | ये भावना उन्हें नकारात्मकता की और ले जाती है अत: आज के लेख का उद्देश्य आपको परीक्षा संबंधी ऐसे चमत्कारिक सूत्र बताना है जिनसे आप कम मेहनत और बिना किसी रटन विद्या के अच्छे अंकों के साथ पास हो सकेंगे.
“कौन कहता है आसमां में छेद नही हो सकता, एक पत्थर तो शिद्दत से उछालो यारो”
आत्म–विश्वास :– आपका आत्म विश्वास ही एक मात्र ऐसा साधन है जिससे आप अपने नकारात्मक विचारों को समाप्त कर सकते है. मित्रों यदि आपने वर्ष भर पढ़ाई नही भी की है तब भी आपको घबराने की जरूरत नही है आप केवल अपने मनोबल को न गिरने दें और अभी से पढना शुरू कर दें मैंने कुछ ऐसे छात्र भी देखे है जो वर्ष भर नही पढते लेकिन परीक्षा के दिनों में उनकी सकारात्मक सोच और एकाग्रता पुर्वक कम समय में की गयी पढाई उन्हें अच्छे परिणाम प्राप्त करवा देती है तो आप पूरे मनोबल के साथ आज से ही पढाई शुरू कर दें | जीवन में कुछ भी असम्भव नहीं है ये अपने मन में ठीक प्रकार से बिठा लें|
विद्यार्थी का सबसे बड़ा हथियार उसकी स्म्मरण शक्ति :-प्रत्येक मनुष्य की स्मरण शक्ति असीमित होती है मानव मस्तिष्क में इतनी योग्यता है की उसने सुपर कंप्यूटर तक का निर्माण कर दिया ऐसे में स्वयं की योग्यताओं को कम नही आंकना चाहिए . छात्रों को अपने पढ़े पाठों का रिवीजन पूरी एकाग्रता तथा मनोयोगपूर्वक करके अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाना चाहिए। छात्रों को अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम को 3 से 4 बार पढ़ना कुछ भारी हो सकता है लेकिन जो लक्ष्य आपने निर्धारित किया है उसके नजदीक यह प्रयास आपको पहुँचा देगा अत: पूरे मनोयोग से पढ़े बोझ मानकर नही बल्कि मन से पढ़े, तो कम पढने पर भी ज्यादा याद रहेगा |
पाठ्यक्रम के अध्ययन पर मनन जरूरी है :– आप जिस भी विषय को पढ़ रहे है उक्त विषय से सम्बन्धित बिन्दुओं को रटने की अपेक्षा समझने का प्रयास करें क्योंकि रटने से जो भी रटा है यदि उसमे से एक भी शब्द भूल गये तो आगे का उत्तर आप नही लिख पायेंगे जबकि आप यदि बिंदु को समझकर लिखते है तो आप अपनी भाषा में अपने शब्दों में भी प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम होंगे. महत्वपूर्ण विषयों या प्रश्नों की तैयारी करने की प्रवृत्ति आजकल छात्र वर्ग में देखने को मिल रही है. अगर आपका लक्ष्य 100 प्रतिशत अंक अर्जित करना है तो परीक्षा में आने वाले सम्भावित प्रश्नों के उत्तरों की तैयारी तक ही अपना अध्ययन सीमित न रखे.
पेपर के पहले थोडा शांत रहें :- प्राय: देखा गया है की परीक्षा से लगभग 20 से 30 मिनट पहले सभी विद्यार्थी एक दुसरे से प्रश्नों या महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चायें करते नज़र आते है इससे कुछ का तो आत्मविश्वास बढ़ जाता है और कुछ नकारात्मकता की ओर चले जाते है उन्हें लगता है की वो अच्छे से तैयारी नही कर पाए है अत: पेपर से कुछ समय पूर्व किसी से भी कोई भी टॉपिक डिस्कस न करें अपनी तैयारी पर पूरा भरोसा करें और मन को शांत रखें ज्यादा बातें न करें और ना ही ज्यादा रिविसिन करें परीक्षा के 10 मिनट पहले पूर्ण रूप से शांत हो जाएँ | इससे आप अपने अंदर आत्मविश्वास अनुभव करेंगे फिर परीक्षा भवन में जाकर ईश्वर का नाम लें और लिखना शुरू करें |
प्रश्न पत्र को भली–भांति समझ लें :– कुछ छात्र घबराहट के कारण प्रश्न पत्र पर दिए गये निर्देश एवं शब्द सीमा को ध्यान से नही पढते है जिसके फलस्वरूप वो कई प्रकार की त्रुटियाँ कर बैठते है छात्रों को प्रश्न पत्र हल करने के पहले उसमें दिये गये निर्देशों को भली भाँति पढ़ लेना चाहिए. ऐसी वृत्ति हमें गलतियों की संभावनाओं को कम करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की सम्भावना को बढ़ा देती है. इसलिए हमें प्रश्न पत्र के हल करने के निर्देशों को एक बार ही नहीं वरन् जब तक भली प्रकार निर्देश समझ न आये तब तक बार–बार पढ़ना चाहिए.
प्रश्न-पत्र हल करने के लिए समय प्रबन्धन जरूरी :– परीक्षा में उत्तर लिखना हमेशा उन प्रश्नों से प्रारम्भ करें जिनका जवाब आप को ठीक प्रकार से आता हो इन सरल प्रश्नों को हल करने में पूरी एकाग्रता के साथ अपनी ऊर्जा को लगाना चाहिए इससे आपका मनोबल बढ़ेगा जिन प्रश्नों का जवाब कठिन लगता है या नही आता है उनके लिए भी नकारात्मकता नही आने दें अपने मन में ये भाव रखें की इन प्रश्नों का उत्तर भी आएगा क्योंकि एकाग्रता की स्थिति में कठिन प्रश्नों के उत्तरों का आंशिक अनुमान लग जाने की सम्भावना रहती है उन्हें छोडने की भूल न करें आपकी सकारात्मक सोच से कोई न कोई रास्ता निकलेगा आप परफेक्ट उत्तर नही लिख पायें तो न सही लेकिन कुछ लिखने पर कुछ अंक को मिलेंगे जब की प्रश्न छोड़ देना मूर्खतापूर्ण कार्य होगा.
सभी प्रश्नों को बराबर का समय दें :- प्राय: देखा जाता है कि अधिकांश छात्र अपना सारा समय उन प्रश्नों में लगा देते हैं जिनके उत्तर उन्हें अच्छी तरह से आते हैं. तथापि बाद में वे शेष प्रश्नों के लिए समय नहीं दे पाते। समय के अभाव में वे जल्दबाजी करते देखे जाते हैं और अपने अंकों को गॅवा बैठते हैं. छात्रों में कॉपी भरने की पृवृत्ति भी व्यापक रूप में देखी जाती है. विशेषकर हिंदी विषय में जबकि ऐसा बिलकुल नही है की कॉपी भर आने से आप पास हो जायेंगे आपको प्रश्नों का उत्तर देते समय शब्द सीमा का भी ध्यान रखना आवश्यक है अन्यथा शब्द सीमा से ज्यादा लिखना आपके लिए समय की बर्बादी हो सकता है परीक्षाओं में इस तरह की गलती करना छात्र वर्ग की सामान्य प्रवृत्ति बन गयी है जिससे बचना चाहिए एवं शब्द सीमा के अंदर ही अपने उत्तर देने चाहिए .
सुन्दर लिखावट एवं मात्राओं का ज्ञान एक अनिवार्य शर्त :– अंग्रेजी में एक वाक्य आता है “फर्स्ट इम्प्रैशन इस लास्ट इम्प्रैशन” यदि आप परीक्षक को प्रभावित करना चाहते है तो ये आवश्यक हो जाता है की आपको लिखावट और मात्राओं का व्यवस्थित ज्ञान हो क्योंकि आपकी लिखावट परीक्षक के ऊपर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव डालती है यदि आपने प्रश्नों का उत्तर , सुंदर लिखावट एवं स्वच्छता के साथ लिखा गया है हालांकि आपका उत्तर इतना सटीक नही है तब भी परीक्षक आपको आपकी लिखावट के आधार पर कुछ अंक दे सकते है लेकिन आपकी लिखावट सही नही है तो आपका उत्तर सही होते हुए भी आपको पूरे अंक मिलेंगे इसमें संदेह है. क्योंकि परीक्षक के पास अस्पष्ट लिखावट को पढ़ने का समय नही होता है। अत: परीक्षा में उच्च कोटि की सफलता के लिए अच्छी लिखावट एक अनिवार्य शर्त है।
उत्तर पुस्तिका जमा करने के पूर्व :–छात्रों को उत्तर पुस्तिका जमा करने के पूर्व 10 या 15 मिनट अपने उत्तरों को भली–भांति पढ़ने के लिए बचाकर रखना चाहिए. अगर आपने प्रश्न पत्र के निर्देशों का ठीक प्रकार से पालन किया है तथा सभी खण्डों के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दिया हैं तो यह अच्छे अंक लाने में आपकी मदद करेगा.
प्यारे विद्यार्थियों परीक्षाएं आपके व्यक्तित्व एवं आपकी मानसिक योग्यताओं को तराशती है इससे घबराकर तनाव में नही आना चाहिये बल्कि एक सशक्त योद्धा की तरह तैयारी करके इसका कुशलता पुर्वक सामना करना चाहिए . परीक्षाएं जितनी कठिन होंगी आपकी मेहनत के आधार पर आपको उतने ही मीठे फल देकर जायेंगी परीक्षा के दिनों में सकारात्मक सोच रखना बहुत ही आवश्यक होता है. अगर हम अच्छा सोचते है तो अच्छा होता है और वही बुरा सोचते है तो बुरा होता है. इसलिए पॉजिटिव सोच रखना बहुत जरुरी है. यह आपको नकारात्मक विचारों से तो बचाएगा ही साथ ही साथ आपको पढाई के तनाव से भी दूर रखेगा.

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
Vijay kumar Pandey
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
Bindesh kumar jha
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो गलियाँ मंदर मुझे याद है।
वो गलियाँ मंदर मुझे याद है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
"रहमत"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन शोकगीत है
जीवन शोकगीत है
इशरत हिदायत ख़ान
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
4798.*पूर्णिका*
4798.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भूलना तुमको
भूलना तुमको
Dr fauzia Naseem shad
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
Shweta Soni
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
#शीर्षक:- गणेश वंदन
#शीर्षक:- गणेश वंदन
Pratibha Pandey
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
Loading...