विद्यार्थियों को नशे से कैसे मुक्त कराये।
मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है।इसे हमें कैसे काबू में रखना है।मन पर कंट्रोल करना बहुत मुश्किल भरा काम होता है।
जिसमें किसी जवान व्यक्ति का मन,वह भी अध्ययन रत विद्यार्थी का।इन दोनों के मन को कैसे परखें कि ये किसी गलत आदतों के शिकार हो चुके हैं। क्योंकि इस समय विद्यार्थी का मन अपने काबू में नहीं रहता है।उसका कारण, उसके दोस्तों की संगत का असर
होने लगता है। और उसका मन विचलित हो जाता है।वह फिर अपने को भूल जाता है।कि मुझे क्या करना चाहिए? और क्या मैं जो कर रहा हूं।वह कितना सही और कितना गलत है।वह अपनी राह भटक जाता है। ऐसे समय में उसकी कौन मदद कर सकता है। सबसे पहले उसके स्वभाव को गुरु पहचाने और अगर गुरु नही पहचान सका है।तो फिर माता-पिता को उसकी मानसिक स्थिति को पहचाने। और पहचान कर उसको सही मार्ग दिखाये।
नही तो वह विद्यार्थी कहीं का नही रहेगा। क्योंकि वह भटक चुका है। वैसे तो हर माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखना चाहिए। उन्हें खुली छूट नही देना चाहिए। उसे हम नशे से कैसे मुक्त कराये।यह प्रशन खड़ा है? विद्यार्थी जीवन में कुछ नियम बनाना चाहिए। और वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास कोई भी नियम नही है।उनको हमने खुली छूट दे रखी है। इसलिए वह अपनी गलत आदतों का शिकार हो जाते हैं।उसको सबसे पहले जेब खर्च देना बंद कर दिजिये। और जो भी आप पैसे दे उसका
हिसाब मांगना चाहिए।या तो आप जहां पैसे की मांग हो रही है।
आप स्वयं साथ जाकर पैसे जमा कर सकते हैं। और जब आपको यह पता लग जाये कि हमारा बच्चा गलत आदतों का शिकार हो गया है ।तब आप उसे डांटे नही । उसे सही मार्ग पर कैसे लाया जा सकता है ।यह समाधान खोजे। उसे किसी तरह से लज्जित न करें नही तो और बिगड़ सकता है।जरा संभल कर व्यवहार करें।
उसे यह प्रलोभन दिया जाना चाहिए कि आप इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करें तो आपको अच्छे नंबरों से पास हो जायोगे।
इस तरह से उसे धीरे-धीरे अच्छे कामों की ओर ले जाये। उसमें बदलाव संभव है।