विदाई
राजस्थानी में लिखने का प्रयास
💐💐💐 कुण्डलिया छन्द 💐💐💐
डोली बैठी डावड़ी , कर परदा री ओट ।
काळजो फाटण हुयो , लगि मोकळी चोट ।।
लगि मोकळी चोट , दोनु ही हक्का बक्का
लाड़ सूँ पाळ पोष , क्योंकर दीन्या धक्का
कह भूधर कविराय , मिलै ज्यों कुँआ बावड़ी
गळ लिपट कै रोय, माँ , बाबुल अरु डावड़ी ।।
भवानी सिंह “भूधर”
बड़नगर , जयपुर