Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

विदाई गीत

लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।

वक्त का यह खेल है या भाग्य का लेखा कहूँ।
रीति प्यारी है जहाँ की या इसे धोखा कहूँ।
रिश्ते-नाते ख़्वाब सारे जाना पड़ता तोड़कर।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।

इस डगर से उस डगर तक माना दूरी कम नहीं।
गम नहीं करना कभी की साथ में अब हम नहीं।
जब पुकारोगे हमें तब आएंगे हम दौड़कर।।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।

मन की है शुभकामना फूलो-फलो उस बाग में।
जिंदगी का हर समय ,,,, बीते सदा अनुराग में।
आपके चरणों को चूमे तारे खुशियां ओढ़कर।।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।

संतोष बरमैया जय

2 Likes · 78 Views
Books from संतोष बरमैया जय
View all

You may also like these posts

*नए दौर में*
*नए दौर में*
Shashank Mishra
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
Ajit Kumar "Karn"
सबका हो नया साल मुबारक
सबका हो नया साल मुबारक
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
खुदा याद आया ...
खुदा याद आया ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
#तेवरी-
#तेवरी-
*प्रणय*
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
पूर्वार्थ
खुद की एक पहचान बनाओ
खुद की एक पहचान बनाओ
Vandna Thakur
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
Chaahat
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
सूना- सूना घर लगे,
सूना- सूना घर लगे,
sushil sarna
बायण बायण म्है करूं, बायण  म्हारी  मात।
बायण बायण म्है करूं, बायण म्हारी मात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" खामोशियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
मानवता का है निशान ।
मानवता का है निशान ।
Buddha Prakash
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दारू से का फायदा
दारू से का फायदा
आकाश महेशपुरी
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
आधुनिकता का दंश
आधुनिकता का दंश
Sudhir srivastava
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...