विदाई गीत
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।
वक्त का यह खेल है या भाग्य का लेखा कहूँ।
रीति प्यारी है जहाँ की या इसे धोखा कहूँ।
रिश्ते-नाते ख़्वाब सारे जाना पड़ता तोड़कर।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।
इस डगर से उस डगर तक माना दूरी कम नहीं।
गम नहीं करना कभी की साथ में अब हम नहीं।
जब पुकारोगे हमें तब आएंगे हम दौड़कर।।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।
मन की है शुभकामना फूलो-फलो उस बाग में।
जिंदगी का हर समय ,,,, बीते सदा अनुराग में।
आपके चरणों को चूमे तारे खुशियां ओढ़कर।।
लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर।
खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।।
संतोष बरमैया जय