विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप। विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप। गंध बाँटते हैं सुमन ,दाता है हर रूप।। डॉ. रागिनी शर्मा,इन्दौर