विज्ञान और समाज।
आज हमारे पास वैज्ञानिकों की कमी नही है। हमेशा,हम बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं।और उन्हें हम डाक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते हैं।हर माता-पिता की यह इच्छा होती है।कि हमारा लड़का हमारा नाम रोशन करें। लेकिन वह क्या बनना चाहता है ।यह बात अपने माता-पिता से छिपा कर रखता है।और माता-पिता उसे समझ नही पाते हैं।यह पृशन दोनों के बीच में दिवार बन खड़ा है। बच्चों के विचार आज के समय के अनुसार होते हैं।वह तो भीड़ का हिस्सा बनना चाहते हैं। हमारी समाज में विज्ञान को जानने और समझने वालों की जिज्ञासा खत्म हो गई है। हमने ऐसे अनेक विद्यार्थियों पर शोध किया जो विज्ञान विषय से अध्ययन रत थे।और कुछ समाज शास्त्र से स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे। विज्ञान के छात्रों से कुछ जीव विज्ञान से सम्बंधित पृशन पूछे।कि कृमोसोम क्या होता है।पर किसी ने भी सही उत्तर नही दिया। इसका मतलब क्या हो सकता है।यह समाज सोच सकता है।कि हम अपने बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं