विजया घनाक्षरी (चुनाव चर्चा)
विजया घनाक्षरी छंद
चुनाव चर्चा
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लगाके फोन वावरी,सजन को बतावरी,
हों सोय तो उठावरी,जरा नहीं लजाव री।
सहेली सब आवरी प्रचार हेतु जावरी,
लचक लोच लावरी,दिखाना मत तावरी।
पड़ा है आज दाँवरी, खुशी के गीत गावरी,
बनाके पूरा भावरी,चितों में भरो चाव री,
अटक रही नाव री,दिखत न बनावरी ,
लगा लगा गुनावरी,जिता दो ये चुनाव री ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
30/10/22