विचार
#सादर_नमन
विचारों की जमी बड़े गहरे तक जाती हैं।
कितने अनछुए पहलुओं से हमे मिलवाती है।
खोकर इनमे से हम कुछ सच्चे मोती निकाले।
क्यों न सुंदर विचारों से हम अपनी सीरत संवारे।
आना जाना विचारो का हर पल ही रहता है।
मन चंचल न जाने कब क्या क्या कहता है।
भुला दो उन विचारो को गुमराह तुम्हे जो करते हैं।
पहलू है बुरा जिनका मन में बुराई भरते हैं।
सुंदर जमी दो विचारो को जहां सौन्दर्य पनप जाए।
बोझिल न करें जो थकित मन को क्लांति से बचाएं।
शंका का मूल विचार सदा सुकून सारा जो हर लेते।
विचारों के जाल से अक्सर सारे यहां भ्रमित होते।
शक्ति विचारों की पहचानो इन्हें पावन आयाम दो।
विचारो में खोकर तुम अपने विकारों को विश्राम दो।
मत आने दो उन विचारों को जो विकारों को बढ़ा देते।
दृष्टिकोण रहे सकारात्मक ऐसे विचारो को आयाम दो।
स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश