विचार
कोई किसी को कुछ नहीं बनाता,
जो बनता है व्यक्ति स्वयं अपनी क्षमता और योग्यता पर बनता है । मात-पिता और अन्य सहयोगी मात्र परिस्थिति निर्माण में सहयोग करते हैं किंतु यदि यह सहयोग ना मिले तब भी योग्यता अपना लक्ष्य स्वयं ही प्राप्त कर लेती है।
कोई किसी को कुछ नहीं बनाता,
जो बनता है व्यक्ति स्वयं अपनी क्षमता और योग्यता पर बनता है । मात-पिता और अन्य सहयोगी मात्र परिस्थिति निर्माण में सहयोग करते हैं किंतु यदि यह सहयोग ना मिले तब भी योग्यता अपना लक्ष्य स्वयं ही प्राप्त कर लेती है।