विचार मंच भाग – 6
खुद बनाना तो नहीं आता पर पसन्द बहुत आता है|
ये नसीब है दूसरों का , देख-देखकर निगाहें चौक जाती हैं||(31)
किसी को मुकद्दर का साथ, किसी को हुनर वाला हाथ|
हमारी तो मेहनत बस मेहनत की दुनिया है||(32)
चाहा बहुत कुछ होता है ,सोचा भी बहुत टन मनभर|
आखें और नसीब का मेल होता क्यों नहीं ?||(33)
दुनिया गफलत में है कि मिटे तो टिकूँ |
जरूरत और जिद में अन्तर होता है ||(34)
किसी से कहना मत कि मुझसे सब कहो|
हमदम ही रहना हमाम नहीं||(35)
क्रमश: