विचारधारा
इंसान जितना भी आधुनिक हो जाए ,
मगर सौतेले रिश्तों के प्रति मानसिकता नहीं बदलती ।,
संकीर्ण की संकीर्ण ही रहेगी विचारधारा ,
कभी भी भेदभाव करने की नीति नहीं बदलती ।
इंसान जितना भी आधुनिक हो जाए ,
मगर सौतेले रिश्तों के प्रति मानसिकता नहीं बदलती ।,
संकीर्ण की संकीर्ण ही रहेगी विचारधारा ,
कभी भी भेदभाव करने की नीति नहीं बदलती ।