विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
एक सच जिसे मेरे जहन ने बड़ी
तसल्ली से समझा है वो ये है कि
जिस वस्तु के
जितने अधिक विकल्प होते हैं
उसको प्राप्त करने के लिए
प्रयास उतने की कम होते हैं।
पर ये सच भी
एक अधूरा सच ही है शायद
क्योंकि जिस वस्तु की
कमी रह जाती है
वह रह ही जाती है
क्योंकि
खो जा चुके दांत की कमी
का अहसास दिमाग से ज़्यादा
जीभ को होता है।