वाह रे नोट —हाइकु —डी. के. निवातिया
वाह रे नोट
कभी लगे तू प्यारा
सबसे न्यारा ।
।
कभी जग को
दिखे तुझमे खोट
वाह रे नोट ।
नोट बदले
हाल बदल गये
आम जन के !
हँसता कोई
कोई रोता जाता है
इस चक्र में !
परिवर्तन
हो ये जरुरी तो है
किस शर्त पे !
करो जतन
न हो परेशानियां
निकले दम !
जनता चाहे
तुम्हे जान से ज्यादा
न तोड़ो भ्रम !
!
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!
डी. के. निवातिया