वाहः वाहः क्या बात है!!!
बिकता दारू नाक के नीचे
फिर भी चले है,आँखे मीचे।
कौन बनाया किसने बेचा
ऊपर से नीचे सब है लेता।।
नहीं दोगे तो,बिकेगा कैसे
जेल में कटेगी जिंदगी जैसे-तैसे।।
दो कुछ ऐसा,हम यहाँ आना भूले
कहा है दारू भट्ठी,मयख़ाना भूले,
होगी कुछ घटना,तो टाइट होगा
तुमको ढूढ़ना,फूल नाइट होगा
बेचो अभी कौन क्या करेगा
सबसे पहले वही फसेंगे।।
आने से पहले तुमको फ़ोन करेंगे
तुमको नही,पीने वाले को धरेंगे।।
तुम भाग जाना जल्दी पीछे से
अपना कमीज़ पैंट ऊपर खिंचे।।
बिकता दारू नाक के नीचे
फिर भी चले है,आँखे मीचे।
#बिहार में जहरीली शराब से कई मौतें,कई की हालत गंभीर। वाहः सुशासन
Surajkishayri