Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2021 · 1 min read

वास्तविक सुंदरता

वास्तविक सुंदरता हृदय एवं विचारों की पवित्रता से विकसित आंतरिक सुंदरता है , जो शरीर और मुखमंडल के चारों ओर सच्चाई की आभा रूप में देदीप्यमान गुणों एवं चरित्र द्वारा परिलक्षित होती है।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
चलती है जिंदगी
चलती है जिंदगी
डॉ. शिव लहरी
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
Rashmi Ranjan
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*जिंदगी के अनोखे रंग*
*जिंदगी के अनोखे रंग*
Harminder Kaur
If you get tired, learn to rest. Not to Quit.
If you get tired, learn to rest. Not to Quit.
पूर्वार्थ
बिछोह
बिछोह
Shaily
मय है मीना है साकी नहीं है।
मय है मीना है साकी नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमने भी ज़िंदगी को
हमने भी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
Rituraj shivem verma
जन्मपत्री / मुसाफ़िर बैठा
जन्मपत्री / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
Satyaveer vaishnav
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
*उसके यहाँ भी देर क्या, साहिब अंधेर है (मुक्तक)*
*उसके यहाँ भी देर क्या, साहिब अंधेर है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
// जनक छन्द //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
डॉक्टर रागिनी
@ !!
@ !! "हिम्मत की डोर" !!•••••®:
Prakhar Shukla
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आओ चले अब बुद्ध की ओर
आओ चले अब बुद्ध की ओर
Buddha Prakash
3378⚘ *पूर्णिका* ⚘
3378⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मानव के बस में नहीं, पतझड़  या  मधुमास ।
मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास ।
sushil sarna
Loading...