“वास्तविक प्रेम”
आप सभी पाठकों और स्नेहीजनों को होली के त्यौहार की रंगोभरी अनेकानेक शुभकामनाएं देती हूं ।
“वास्तविक प्रेम” (संक्षिप्त कहानी)
होली के रंगबिरंगे रंगों ने प्रेम से पूछा कि हम तुमसे ज्यादा शक्तिशाली हैं, इसीलिए हमें मिटाने में बहुत समय लगता है और तुम अदृश्य होने पर भी इतनी आसानी से लोगों के दिलों को जोड़ने का काम करते हो!
प्रेम ने मुस्कुरा कर कहा कि तुम ऊपरी दिखावटी प्रहार करते हो लेकिन मैं लोगों के अंतर्मन को छूता हूँ और मेरी छाप सदैव बरकरार रखने में ये बेमिसाल रंग सिर्फ सहयोग करते हैं!!
रंग-बिरंगे रंग कितने भी शक्तिशाली हों लेकिन जब तक लोगों के दिलों में वास्तविक प्रेम नहीं रहेगा तब तक होली का त्यौहार मेरे लिए अधूरा है!
आरती अयाचित
भोपाल