वास्तविकता
हम दिन नहीं काट रहे
दिन हमें काट रहे हैं ।
दिन प्रतिदिन
दिन हमे काट रहे हैं ।
सम्मिलित परिवार से
धार्मिक आस्थाओं से
और सबसे महत्वपूर्ण
हमको मानवता से ।
हम दिन नहीं काट रहे
दिन हमें काट रहे हैं ।
दिन प्रतिदिन
दिन हमे काट रहे हैं ।
सम्मिलित परिवार से
धार्मिक आस्थाओं से
और सबसे महत्वपूर्ण
हमको मानवता से ।