Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2022 · 3 min read

वायरल होने की ललक

दीपिका बहुत ही सुंदर थी,मृदुभाषी ,पढ़ने लिखने में अव्वल ,कॉलेज में भाषण ,वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता ,संगीत प्रतियोगिता इस तरह की सारी प्रतियोगिताओं में वह प्रथम स्थान प्राप्त करती थी।बिल्कुल साधारण ढंग से रहने वाली वह लड़की थी, उसे देखकर कोई कह ही नही सकता था कि इतनी विशेषता उसके अंदर होगी।
बस अपने काम से काम रखती,न ही कोई दिखावा,न ही उच्श्रृंखलता और न ही खुद को श्रेष्ठतर साबित करने की उसकी होड़ थी।
उसकी सहेली मंजूषा जो बचपन से ही उसकी सहेली थी।स्कूल ,कॉलेज,घर हर जगह उसके साथ परछाई की तरह रहती थी।कई बार दीपिका से कह चुकी थी तुम तो बेवकूफ हो यहाँ कितनी लड़कियाँ हैं जिन्हें कुछ नही आता पर हर जगह उनकी चर्चा होती।उनकी एक वीडियो को हजारों व्यूज मिलते।
पर तुम्हें तो इन सबसे कोई मतलब ही नही है।
दीपिका कहती ,मंजूषा यह सब मैं दूसरों को दिखाने के लिए नही करती बल्कि अपनी आत्म संतुष्टि के लिए क़रतीं।तुम्हें तो पता है जो भी मैं क़रतीं वह पूरी ईमानदारी और शिद्दत से क़रतीं और काम में कोई भी बेईमानी पसंद नही शायद इसीलिए मेरा भाषण हो या निबंध या वाद विवाद हर चीज को सराहा जाता। और कॉलेज में इतने लोग देखते तारीफ करते यह क्या कम है जो रिल्स बनाकर या यु ट्यूब पर डालकर प्रसिद्धि पाऊँ।
मंजूषा कहती ,अरे यार मैं कौन सा कह रही कि तुम अलग से कुछ करो,जो क़रतीं बस उसे ही तो डालना है।और इसी बहाने तुम्हारी प्रसिद्धि होगी तो मेरी भी थोड़ी हो जाएगी।मैं सबसे कहूँगी ये मेरी सहेली है।
दीपिका हँसने लगी,मगर वह इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी।
मंजूषा एकदम चुप हो गयी वह कर भी क्या सकती थी।वह कह ही सकती थी न और करना तो दीपिका को ही था।
तभी उसके कॉलेज में एक नई लड़की आई नाम था श्वेता,इंस्टाग्राम पर उसके बहुत सारे रिल्स वह देख चुकी थी और अक्सर वह देखती रहती थी।उसे वह अपने आदर्श के रूप में देखती थी।और उसके रिल्स की दीपिका पूरी तरह दीवानी थी ।और हो भी क्यों न इतने अच्छे वह रिल्स बनाती थी कि तुरंत वायरल हो जाते हजारों लाइक्स,शेयर और फॉलोवर्स मिनटों में बन जाते थे।
दीपिका को ऐसा लगता था कि वह बहुत खास होगी,सबसे अलग ,सबसे विशेष।सर्वगुण सम्पन्न।
पर आज जब श्वेता कॉलेज में एडमिशन ली तो दीपिका को उसे जानने का मौका मिला।
वह एकदम साधारण सी लड़की थी।हर चीज में औसत दर्जे की चाहे पढ़ाई हो या संगीत।वाद विवाद ,भाषण इन सब में तो वह भाग भी नही ले सकती थी।
मगर हाँ उसकी एक विशेषता थी कि स्वयं को ढंग से सजाकर वीडियो और रिल्स बनाना जिसके कारण वह वायरल हो जाती और उसकी प्रसिद्धि थी।
यह सब देखकर दीपिका के मन में भी स्वयं को वायरल करने की इच्छा जगी।बोलती तो वह अच्छा थी है मेकअप वगैरह में वह शून्य थी अपनी समस्या उसने मंजूषा को बताई और मंजूषा ने यह जिम्मा ले लिया।मंजूषा दीपिका को तैयार कर वीडियो बनाने में मदद करती।
शुरू शुरू में तो एक दो लोग ही उसका वीडियो देखते।दीपिका का उत्साह ठंडा पडने लगा।
मगर फिर दोस्तों रिश्तेदारों को लिंक शेयर कर फॉलोवर्स बढ़ाये जाने लगे।
दीपिका के अंदर वायरल होने की ललक इतना बढ़ गयी कि वह सब कुछ छोड़ रिल्स ,वीडियो के प्रचार पर ध्यान देने लगी।
वायरल का जोश तो पूरा हो गया मगर दीपिका काफी बदल गयी।यह दीपिका पहले वाली दीपिका से बिल्कुल अलग थी।
अब हर छोटी बड़ी चीजों का रिल्स बनाना वीडियो बनाना उसे सोशल मीडिया पर डालना और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए मेहनत करना।उसका लक्ष्य हो गया।
इस तरह बाकी चीजों पर उसका ध्यान कम हो गया।
मंजूषा की एक सहेली वायरल होने के चक्कर में दूर होती गयी ,घर वालों की चहेती दीपिका बदल रही थी।

116 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
पूर्वार्थ
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
👍
👍
*प्रणय प्रभात*
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
जीवन
जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
यूँ अदावतों का सफ़र तय कर रहे हो,
यूँ अदावतों का सफ़र तय कर रहे हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर संसार का बिखरना
घर संसार का बिखरना
Krishna Manshi
"मुझे पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
ललकार भारद्वाज
15)”शिक्षक”
15)”शिक्षक”
Sapna Arora
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मैं भारत की बेटी...
मैं भारत की बेटी...
Anand Kumar
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Beauty
Beauty
Shashi Mahajan
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
Adha Deshwal
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" कौन मनायेगा बॉक्स ऑफिस पर दिवाली -फ़िल्मी लेख " ( भूल भूलेया 3 Vs सिंघम अगेन )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...