वादों के फिर सज गए , राजनीति बाजार
वादों के फिर सज गए , राजनीति बाजार
वोट कमाने दल सभी , ढूंढ रहे आधार
ढूंढ रहे आधार ,पेश नर्मी से आते
मिलते कहीं गरीब, उन्हें अब गले लगाते
दिए अर्चना काट , पेड़ पिछली यादों के
और लगायें बाग़, नए मीठे वादों के
डॉ अर्चना गुप्ता