Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Radhakishan R. Mundhra
37 Followers
Follow
Report this post
30 Aug 2023 · 1 min read
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए…
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए…
🌹🙏🌹
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
· 367 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
पंकज परिंदा
अपने होने की
Dr fauzia Naseem shad
घर की कैद
Minal Aggarwal
sp120 कौन सी ऎसी/सच की कलम
Manoj Shrivastava
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
साँस रुकी तो अजनबी ,
sushil sarna
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
Anand Kumar
स्वानंद आश्रम
Shekhar Deshmukh
इश्क
Neeraj Mishra " नीर "
वो अदब-ओ-आदाब भी ज़रूरी है ज़िंदगी के सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
मैं अकूत धन का स्वामी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
समय साथ निभायेगा।
Raazzz Kumar (Reyansh)
एक मै था
Ashwini sharma
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
पिता
Shweta Soni
मैं किसान हूँ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पछतावा
Dipak Kumar "Girja"
" बयां "
Dr. Kishan tandon kranti
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अपना जख्म
Dr.sima
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
Saraswati Bajpai
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
आवो करीब तुम यहाँ बैठों
gurudeenverma198
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
परिवेश
Sanjay ' शून्य'
■ वक़्त बदल देता है रिश्तों की औक़ात।
*प्रणय*
Loading...