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4 Jan 2023 · 1 min read

कहमुकरी

वह सुनता हर बात हमारी,
सदा मिटाता मुश्किल सारी।
देख न पाता वह मम क्रंदन,
क्या सखि साजन? नहिं रघुनंदन।।6

पास कभी जब उसके जाऊँ,
देख-देख उसको हरषाऊँ।
उसका साथ लगे सत्संगा,
क्या सखि साजन? नहिं सखि गंगा।।7

रूप अनोखा उसका प्यारा,
वही छुड़ाए जग की कारा।
उसका साथ करे मन चंगा,
क्या सखि साजन? नहिं सखि गंगा।।8

आकर पास करे जब चुंबन,
मिट जाती है हर एक थकन।
जन्म-जन्म का उससे नाता,
क्या सखि साजन?नहिं सखि माता।।9

बिन देखे वह चैन न पाए,
देखे तो फिर प्यार जताए।
समझूँ उसको भाग्य विधाता,
क्या सखि साजन? नहिं सखि माता।।10

Language: Hindi
2 Likes · 133 Views
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