वह लड़की
“अगर मैं तुम्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजूं तो……???”
“मैं ग्रीटिंग कार्ड फाड़कर फेंक दूंगी.”
वह लड़की मेरी बात कांटते हुए बोली. उसके त्वरित जवाब का अर्थ मैं समझ नहीं पाया.
दूसरे दिन वह लड़की छुट्टी का एक आवेदनपत्र मेरी ओर बढ़ाते हुए बोली….”भैया…इसमें साइन कर दीजिए. मैंने अभिभावक के कॉलम में हस्ताक्षर कर दिया.
मुझे बहुत अच्छा लगा उसके मुंह से भैया शब्द सुनकर. मैं समझ गया था, शायद कल मेरी बात का उसने गलत तर्क निकाला होगा. लेकिन आज उसके मन में उठे अंतर्द्वंद्व ने उसे भाई-बहन के पावन रिश्ते का अहसास दिलाया.
अब वह लड़की मेरी मुंहबोली बहन है. मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं, जब वह मुझे राखी बांधेगी.