वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
अल्फाजों की स्याही में डूबी हुई कलम ,
इजहार-ए-मोहब्बत की निशानी में
रखा हुआ लाल गुलाब था !!
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
अल्फाजों की स्याही में डूबी हुई कलम ,
इजहार-ए-मोहब्बत की निशानी में
रखा हुआ लाल गुलाब था !!