वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
केवल कृषक मसीहा होता सुन लो बात खजाने की।
राजा जाति कृषक थी भारत शेष प्रजा जन होते थे।
इसी कृषक की जिम्मेदारी सबका पेट चलाने की।।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर ‘