वर्षों पहले लिखी चार पंक्तियां
वर्षों पहले लिखी चार पंक्तियां
मेरी रुखसती तक वो शायद ही रुक पायेंगे,
गर मिली फ़ुर्सत तो चौथे और दसवें में आयेंगे,
गर मिलेगा न बहाना, कोई वापस जाने का,
तेरहवीं में भी अब आना है कहकर जायेंगे,
वर्षों पहले लिखी चार पंक्तियां
मेरी रुखसती तक वो शायद ही रुक पायेंगे,
गर मिली फ़ुर्सत तो चौथे और दसवें में आयेंगे,
गर मिलेगा न बहाना, कोई वापस जाने का,
तेरहवीं में भी अब आना है कहकर जायेंगे,