वर्तमान परिवेश और बच्चों का भविष्य
बद से बदतर.
देश में रैगिंग और धर्म के नाम रेकी चल रही है.
सरवर,तरवर,संतजन है नहीं .
खत्म सब संपदा.
बंद पड़े सब रोजगार.
शिक्षा चिकित्सा पहुंच से दूर हुई.
पैसे का घुमाव नहीं.
फैले चौपड़ शार.
महिला लगी दांव पर.
भरे गये ऐसे संस्कार.
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ढलते सूरज की महता भी बढ़ जाती
रात भर काम कर जब नींद चढ़ जाती
घरवाली भी व्रत नहीं जब खोल पाती.
पति को बाहर,चांद अतिदूर वह पाती.