Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2024 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड

हे
मेरे
सुन्दर
अविरल
अमृत धारा
तुम बहते हो
हृदय धरा पर।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

2 Likes · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
"सब्र प्रेम का पहला कदम है ll
पूर्वार्थ
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
DrLakshman Jha Parimal
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2757. *पूर्णिका*
2757. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
gurudeenverma198
नारी का सम्मान नहीं तो...
नारी का सम्मान नहीं तो...
Mohan Pandey
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
" महत्वाकांक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
डॉक्टर रागिनी
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
Rituraj shivem verma
#यह_है_बदलाव
#यह_है_बदलाव
*प्रणय प्रभात*
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
*कमबख़्त इश्क़*
*कमबख़्त इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ज़िन्दगी में न थी
ज़िन्दगी में न थी
Dr fauzia Naseem shad
स्मृति
स्मृति
Neeraj Agarwal
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे ,
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे ,
Keshav kishor Kumar
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
ये नामुमकिन है कि...
ये नामुमकिन है कि...
Ravi Betulwala
Loading...