वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
जो
कर्म
करेगा
नियमित
धर्म जान के
बिन फल इच्छा
वही कर्मयोगी है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
वर्ण पिरामिड
जो
कर्म
करेगा
नियमित
धर्म जान के
बिन फल इच्छा
वही कर्मयोगी है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।