वफ़ा वफ़ा हर साल पतझड़ के बाद नए पत्ते आ जाते हैं, वफ़ा की उम्मीद आखिर किस शाख से की जाए। ✍️लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’